पपीता यह फल भारत में सर्वत्र उपलब्ध है इसके पत्ते अरंड के पत्तों के समान होने से इसे एरण ककड़ी भी कहते हैं इनकी अनेक जातियां उपलब्ध होती इसका फल बाहर से हरा तथा अंदर से पीले रंग का होता है और अंदर काली मिर्च के समान बीज रहते हैं।
कच्चा पपीता शाक के रूप में प्रयोग होता है और पका हुआ फल भी खाया जाता है यह दस्तावर होता है इसलिए मल की गाठों को भी निकाल देता है यानी कि जिस को कब्ज हो उसको इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
पपीता के औषधीय गुण
इसके इस्तेमाल से भूख बढ़ जाती है और भोजन का पाचन ठीक प्रकार से होता है यह स्वादिष्ट और रुचिकर होता है इसके सेवन से वायु पित्त और कफ तीनों ही दोष शांत होते हैं इसलिए इसे सभी रोगों में लाभकारी पाया जाता है।
पपीता Papita बलवर्धक होता है तिल्ली और जिगर की खराबी या बढ़ जाने पर यह बहुत ही अधिक हितकारी होता है इसके अतिरिक्त बुखार और खांसी में भी यह काफी फायदेमंद होता है पपीते का अमाशय पक्वाशय पर विशेष हितकारी प्रभाव पड़ता है। PAPITA आपका पाचन करता है और पेचिश की बीमारी में हितकारी होता है इसके सेवन से आंतों की सूजन मिट जाती है और पेट के कीड़े भी निकल कर बाहर आ जाते हैं।
पपीता खाने में हल्का और सुपाच्य कारक होता है।
इसकी मुख्य विशेषता यह पाई जाती है कि प्रत्येक रोग के रोगी इसका इस्तेमाल उपयोग कर सकते हैं हल्का और सुपाच्य होने के कारण पेट के रोगी के लिए तो इसका उपयोग अति लाभदायक होता है और जो मोटापा घटाना चाहते हैं उनके लिए यह रामबाण है।
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