गन्ने के अनेकों नाम है जैसे इख़ ,गुजराती में से शेरडी, मराठी में उस, बंगाली में आक, तमिल में इक्कू, तेलुगु में चिटकु, मलयालम में कन्नड़ और संस्कृत भाषाओं में इक्षु कहते हैं।
गन्ना पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक स्थान में उपलब्ध हो जाता है वैसे तो इसकी काफी सारी प्रजातियां हैं गिनती में कहा जाए तो 16 प्रजातियां इसकी पाई जाती हैं और इन सभी प्रजातियों के जो गुण हैं वह भी लगभग एक ही समान होते हैं।

गन्ने का साधारण गुण
गन्ना मधुर रस से युक्त यानी कि मीठा होता है ठंडा भारी और चिकनाई युक्त होता है यह शक्ति को बढ़ाने वाला काम वासना को जगाने वाला पेशाब अधिक लाने वाला और रक्तपित्त की व्याधि को नष्ट करने वाला है गन्ने से पेट साफ रहता है गन्ना हृदय के अनुकूल है मन को प्रसन्न रखने वाला और ओज की वृद्धि करने वाला गन्ना होता है।
गन्ना इतनी प्रिय वस्तु है कि लोग इसका नाना प्रकार से उपयोग करते हैं यह बात निश्चित है कि गन्ने का जो रूपांतर हो जाने पर उसके गुणों में भी परिवर्तन हो जाता है।
गन्ने का रस ganne ke juice ke fayde in hindi
यह यंत्र द्वारा निकाला जाता है यदि परंतु पी लिया जाए तो लाभदायक होता है लेकिन रखा हुआ हो तो अरुचिकर होता है तब इसमें खट्टापन आ जाता है और यह भारी कब स्थापित को बढ़ाने वाला प्यास को भड़काने वाला और अधिक पेशाब लाने वाला सिद्ध हो जाता है इसीलिए इसको ताजा ताजा रस पी लेना चाहिए बासी रस नहीं पीना चाहिए।
गन्ने का पकाया हुआ रस चिकना और भारी होता है तथा कफ और वायु को नष्ट करता है इससे पेट का अफारा और पेट का वायुगोला नष्ट होता है।
नींबू ही है संजीवनी बूटी
अधिक पीने से यह शरीर में भारीपन पैदा कर देता है बलवर्धक कब बढ़ाने वाला और वायु को नष्ट करने वाला होता है मूत्राशय का शोधन करना इसका विशेष गुण माना जाता है।
गुड खाने के फायदे
यह भी भारी और गर्म होता है यह कामोत्तेजक मूत्र शोधक वायु नष्ट करने वाला चर्बी बढ़ाने वाला होता है।
गन्ने से बनने वाली चीजे
खांड खाने के फायदे
यह विशेष रूप से मांस को बढ़ाने वाली ठंडी नेत्रों के लिए हितकर पित्त को नष्ट करने वाली और चिकनाईयुक्त होती है मीलों की खांड में विषैले रसायनों के प्रयोग से इसके गुण व दोष वाले बन जाते हैं।
शक्कर के फायदे
यह रक्तपित्त जलन मूर्छा वमन को नष्ट करने वाली तथा वीर्यवर्धक मानी जाती है।
मिश्री के लाभ
यह दस्तावर हल्की और विशेष रूप से वाद एवं पित्त को नष्ट करने वाली होती है यह बहुत ही शीतल वस्तु है।
इसी प्रकार से गन्ना एवं गन्ने से बनने वाले इन सभी पदार्थों का उपयोग आरम्भ से हमारे दैनिक जीवन में होता रहा है हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी गन्ने का उल्लेख है धार्मिक कार्यों में इसका किसी न किसी रूप में उपयोग होता ही है लेकिन विभिन्न प्रकार के रोगों में गन्ने एवं उसके रूपांतरों का प्रयोग करना चाहिए यह भी हमें जान लेना चाहिए।
मूत्र रोग में लाभ
गन्ने का रस ताजा ही पीने से पेशाब अधिक मात्रा में होता है और बार-बार पूर्ण वेग से बाहर निकल जाता है।
पेशाब में रुकावट हो तो गर्म दूध में गुड़ मिलाकर खिला देने से शीघ्र ही लाभ होता है।
पेशाब में जलन हो तो गन्ने को चूसना हितकारी होता है।
नाक से खून आना गर्मी में अधिक घूमने और ब्लड प्रेशर बढ़ जाने से जिनकी नाक में खून आने लगता है उनकी नाक में तीन-चार बूंद गन्ने का रस डालने से लाभ होता है।
पांडु रोग इसमें गन्ने का रस निरंतर सेवन करने से खून की वृद्धि एवं रक्त शोधन होता है।
हिचकी यदि हिचकी आती हो तो गन्ने का रस बार बार पीने को दें गन्ने के रस की दो चार बूंदे नाक में डालना भी हितकारी होता है।
सिर दर्द जिन लोगों को सूर्य निकलते ही सिर दर्द शुरू होने की व्याधि हो उन्हें प्रातः काल शीघ्र ही एक तोला गुड जय माता गाय के घी में मिलाकर खा लेना चाहिए।
प्यास अधिक लगना गर्मी के दिनों में घूमने फिरने से प्यास बढ़ जाती है ऐसी अवस्था में गन्ने का रस या मिश्री पानी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से लाभ होता है।
कांटा आदि चुभना जहां कांटा चुभ गया हो वहां गुड़ अजवाइन मिलाकर बांधने से कांटा स्वयं निकल जाता है और घाव भर जाता है।
गले की जलन गन्ने के सिरके में पानी मिलाकर कुल्ला करने से गले की सूजन जलन जैसे रोग दूर हो जाते हैं।
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